Pushkar-Merta Railway Line: राजस्थान की धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण पुष्कर-मेड़ता रेल लाइन परियोजना का काम आखिरकार शुरू हो गया है। वर्षों से लंबित इस परियोजना के पहले चरण में 100 करोड़ रुपये के काम शुरू हो गए हैं। परियोजना की शुरुआत पुष्कर रेलवे स्टेशन से हुई है, जिससे आसपास के इलाकों में विकास की उम्मीद जगी है।
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पुष्कर-मेड़ता रेल लाइन क्यों है खास?
पुष्कर-मेड़ता रेल लाइन महज एक रेलवे परियोजना नहीं है, बल्कि यह लाखों लोगों की उम्मीदों और विकास की संभावनाओं का प्रतीक है। यह लाइन अजमेर और नागौर जिलों को जोड़ने के साथ ही पर्यटक और धार्मिक स्थलों तक बेहतर पहुंच उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा यह परियोजना ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का काम भी करेगी।
पहले चरण में क्या हो रहा है काम?
- परियोजना के पहले चरण में करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से कई निर्माण कार्य शुरू हो गए हैं।
- रेलवे स्टेशन और क्वार्टरों का निर्माण: पुष्कर रेलवे स्टेशन पर क्वार्टर, भवन और कार्यालय बनाए जा रहे हैं।
- अंडरपास और पुलों का निर्माण: सभी सड़क क्रॉसिंग पर अंडरपास बनाए जा रहे हैं, साथ ही 2 बड़े पुल भी बनाए जाएंगे।
- रेलवे ट्रैक का चौड़ीकरण: ट्रैक को 10 सेमी चौड़ा करने का काम किया जा रहा है।
- स्टेशन का विस्तार: इस चरण में पुष्कर रेलवे स्टेशन का भी विस्तार किया जा रहा है।
दूसरे चरण में क्या होगा?
- दूसरे चरण में 600 करोड़ रुपए की लागत से महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे।
- मिट्टी का भराव: रेल लाइन के लिए मिट्टी का भराव किया जाएगा।
- पटरियों का बिछाना: मुख्य ट्रैक बिछाने का काम इस चरण का मुख्य हिस्सा होगा।
- स्टेशन का निर्माण: भैंसड़ा और नांद में स्टेशन बनाए जाएंगे।
- 3 साल में परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य: इस चरण का काम अगले 3 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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यह रेलवे लाइन किन गांवों से होकर गुजरेगी?
पुष्कर-मेड़ता रेलवे लाइन 23 गांवों से होकर गुजरेगी। प्रमुख गांव हैं:
- नांद
- रावत नांद
- रावतखेड़ा
- कोढ़
- पुरोहितासनी
- रियांबडी
- सूरियास
- भैंसड़ा कलां
- कात्यासनी
इन गांवों के किसान और स्थानीय निवासी इस परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास की उम्मीद कर रहे हैं।
पर्यटन और धार्मिक दृष्टि से इसका महत्व
धार्मिक स्थल पुष्कर को मेड़ता से जोड़कर यह रेलवे लाइन पर्यटन को जबरदस्त बढ़ावा देगी। विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर और पुष्कर मेले के लिए प्रसिद्ध पुष्कर अब बेहतर कनेक्टिविटी के कारण अधिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा। साथ ही, यह रेलवे लाइन स्थानीय व्यापार और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगी।
भूमि अधिग्रहण और जाँच का कार्य पूरा
रेल मंत्रालय ने पुष्कर और मेड़ता के बीच भूमि का सर्वेक्षण और अधिग्रहण पूरा कर लिया है। इसके लिए खेतों का नक्शा तैयार कर लिया गया है और खसरा नंबर की अधिसूचना जारी कर दी गई है। किसानों की आपत्तियां भी ले ली गई हैं और अब जमीन पर काम शुरू हो गया है।
वित्तीय मंजूरी और प्रशासनिक प्रक्रिया
इस परियोजना को केंद्र और राज्य सरकार दोनों से वित्तीय स्वीकृति मिल गई है। इसके तहत प्रशासनिक और तकनीकी स्वीकृति के बाद प्रथम चरण में निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। सरकार की इस पहल से स्थानीय लोगों में सकारात्मक संदेश गया है।